कर्नाटक में बढ़ी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र की फीस, विपक्ष ने साधा निशाना

Thu 06-Feb-2025,02:21 PM IST +05:30

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कर्नाटक में बढ़ी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र की फीस, विपक्ष ने साधा निशाना कर्नाटक में बढ़ी जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र की फीस
  • नवंबर 2024 में ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जब बेंगलुरु पहुंचे थे. 

Karnataka / Bangalore Rural :

कर्नाटक में एक बार फिर सियासत गर्मा सकती है। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक कर्नाटक में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र की फीस बढ़ाई गई है। खबरों के मुताबिक कर्नाटक में पहले जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए 5 रुपए फीस थी। जिसे अब 50 रुपए किया गया है। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने पहले बसों का किराया और बिजली की दरों में बढ़ोतरी की थी। इससे वो विपक्षी दल बीजेपी और जेडीएस के निशाने पर आई थी। कर्नाटक में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया था कि मुफ्त की योजनाओं के लिए पैसा जुटाने की खातिर सीएम सिद्धारामैया की सरकार आम लोगों पर लगातार बोझ डाल रही है और विकास कार्यों के लिए कर्नाटक सरकार के खजाने में रकम नहीं है। नवंबर 2024 में कांग्रेस के ही विधायक एचआर गवियप्पा ने सीएम सिद्धारामैया से मांग की थी कि धन की कमी है। गरीबों के लिए मकान नहीं बन पा रहे। इस वजह से कुछ चुनावी गारंटियों को खत्म किया जाए।

वहीं, नवंबर 2024 में ही कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जब बेंगलुरु पहुंचे थे, उस वक्त राज्य कांग्रेस के नेताओं की बैठक में उन्होंने ये कहा था कि चुनाव में ऐसा कोई वादा न करें, जिससे सरकार बनने पर उसे पूरा करने में दिक्कत हो और सरकार को बदनामी का सामना करना पड़े। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि बजट को ध्यान में रखकर ही घोषणाएं करनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा था कि इससे सरकार बनने पर भविष्य के दुष्प्रभावों से बचा जा सकेगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा था कि सरकार अघर जनता से किए वादे पूरे नहीं कर पाती, तो समाज क भी कठिनाई होती है। खरगे के इस बयान पर भी बीजेपी ने सिद्धारामैया सरकार को घेरा था।

दरअसल, कर्नाटक चुनाव के वक्त राहुल गांधी ने राज्य की जनता से कई वादे किए थे। इनमें महिलाओं के लिए बस में मुफ्त यात्रा, महिलाओं को हर महीने 2000 रुपए की सहायता, बेरोजगार ग्रेजुएट को हर महीने आर्थिक सहायता, गरीबी रेखा से नीचे हर व्यक्ति को हर महीने 10 किलो चावल और हर घर को महीने में 200 यूनिट मुफ्त बिजली शामिल थे। इन्हीं मुफ्त योजनाओं को लागू करने के बाद से कर्नाटक में कई सरकारी सेवाओं को महंगा किया गया। अब जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए फीस महंगी होने से विपक्ष को सिद्धारामैया की कांग्रेस सरकार पर और हमला करने का मौका मिलने के आसार हैं।