भूपेश बघेल के ठिकानों पर ईडी का छापा, करोड़ों की बरामदगी या कुछ और?
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ईडी ने चैतन्य बघेल से जुड़े परिसरों से कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और दस्तावेज भी जब्त किए हैं। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़ी है।
ईडी ने इस मामले में आज राज्यभर में 14 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है। अधिकारियों के अनुसार, चैतन्य बघेल का नाम इस घोटाले में प्रमुख खिलाड़ियों में से एक के रूप में सामने आया है।
गौरतलब है कि जुलाई 2023 में ईडी ने इस शराब घोटाले में एक शिकायत दर्ज की थी, जिसमें रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (CSMCL) के प्रबंध निदेशक अरुणपति त्रिपाठी सहित कई लोगों के नाम सामने आए थे।
ईडी की जांच में पता चला कि इस भ्रष्टाचार के कारण राज्य को 2,161 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
रायपुर/ छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी में बड़ी मात्रा में कैश बरामद होने का दावा किया गया है। इस नकदी की गिनती के लिए ईडी अधिकारियों ने कैश गिनने वाली दो मशीनें मंगाई हैं। ईडी ने चैतन्य बघेल से जुड़े परिसरों से कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और दस्तावेज भी जब्त किए हैं। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले से जुड़ी है। सूत्रों के मुताबिक, चैतन्य बघेल से जल्द पूछताछ की जा सकती है और संभावना है कि आज ही पहला दौर शुरू हो जाए।
ईडी ने इस मामले में आज राज्यभर में 14 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है। अधिकारियों के अनुसार, चैतन्य बघेल का नाम इस घोटाले में प्रमुख खिलाड़ियों में से एक के रूप में सामने आया है। ईडी सूत्रों के मुताबिक, "हमारे पास कुछ पुख्ता सबूत हैं, जिनके आधार पर यह छापेमारी की जा रही है।" इस कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, क्योंकि भूपेश बघेल के समर्थकों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। मौके पर नारेबाजी भी जारी है। गौरतलब है कि जुलाई 2023 में ईडी ने इस शराब घोटाले में एक शिकायत दर्ज की थी, जिसमें रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा और छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (CSMCL) के प्रबंध निदेशक अरुणपति त्रिपाठी सहित कई लोगों के नाम सामने आए थे। ईडी का आरोप है कि इन लोगों ने शराब खरीद प्रक्रिया में हेरफेर कर और चुनिंदा निर्माताओं से कमीशन लेकर राज्य को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया।
ईडी की जांच में पता चला कि इस भ्रष्टाचार के कारण राज्य को 2,161 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जांच के दौरान अब तक विभिन्न आरोपियों की लगभग 205.49 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं, जिनमें चल और अचल दोनों तरह की संपत्तियां शामिल हैं। इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इस छापेमारी को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे बदले की राजनीति करार दिया है। वहीं, ईडी का कहना है कि जांच के दौरान मिले सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।