कठुआ हत्याकांड पर विधानसभा में हंगामा, सियासी तकरार से गरमाया माहौल!
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कठुआ में हुई हत्याओं का मुद्दा जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उठाया, जिससे सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ।
बिलावर के विधायक सतेश शर्मा ने नागरिकों की हत्या पर चिंता जताई और कहा कि इसे राजनीति से अलग रखकर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
कठुआ के ऊपरी इलाके में शनिवार को एक जलाशय के पास तीन नागरिकों – वरुण सिंह (15), योगेश सिंह (32) और दर्शन सिंह (40) – के शव बरामद हुए। ये तीनों 5 मार्च को शादी समारोह से लौटते समय लापता हो गए थे।
कठुआ/ जम्मू-कश्मीर विधानसभा में डेली वेजर्स की स्थाई नौकरी का मुद्दा गरमाया। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिहाड़ी मजदूरों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की। उपमुख्यमंत्री सुरेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा, "नेशनल कांफ्रेंस ने अपने शासनकाल में इन्हें नियुक्त किया और अब स्थायी करने का प्रयास करेगी। लेकिन 10 सालों में बीजेपी ने क्या किया? इन्होंने पक्की नौकरी देने का वादा किया था, जिसे पूरा नहीं किया। हम आपसे कहते हैं कि जो आपने 10 साल में नहीं किया, हम 5 साल में करके दिखाएंगे।" इस बयान के बाद सदन में हंगामा मच गया, विपक्ष ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कठुआ में हुई हत्याओं का मुद्दा जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उठाया, जिससे सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस घटना का राजनीतिकरण न करने की अपील की, जबकि गृह मंत्री अमित शाह ने घटना की जानकारी ली।
बिलावर के विधायक सतेश शर्मा ने नागरिकों की हत्या पर चिंता जताई और कहा कि इसे राजनीति से अलग रखकर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कठुआ के ऊपरी इलाके में शनिवार को एक जलाशय के पास तीन नागरिकों – वरुण सिंह (15), योगेश सिंह (32) और दर्शन सिंह (40) – के शव बरामद हुए। ये तीनों 5 मार्च को शादी समारोह से लौटते समय लापता हो गए थे।
इस घटना पर एनसी, कांग्रेस, पीडीपी और भाजपा के बीच 25 मिनट तक तीखी बहस हुई। कांग्रेस विधायक इरफान हाफिज ने इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया। विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथेर ने शांति बनाए रखने की कोशिश की, लेकिन हंगामा जारी रहा।
बानी के विधायक रामेश्वर सिंह पर हमले का मुद्दा भी उठा। प्रदर्शनकारियों ने उस समय उन पर हमला किया जब वे मृतकों के परिजनों से मिलने अस्पताल पहुंचे थे। भाजपा ने विपक्ष पर राजनीतिकरण का आरोप लगाया।
विधानसभा में तीखी बहस के बीच विधायक शेख खुर्शीद को हंगामा करने पर मार्शल की मदद से बाहर निकाल दिया गया। सीपीएम विधायक एम वाई तारिगामी ने मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर सदन की चिंता व्यक्त करने का आग्रह किया।