पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास को मिली नई दिशा
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उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) ने पूर्वोत्तर राज्यों की सरकारों द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओं को मंजूरी देकर उनके प्रयासों को बढ़ावा दिया है। इन योजनाओं में पूर्वोत्तर विशेष अवसंरचना विकास योजना (एनईएसआईडीएस), प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम-डिवाइन) योजना और विशेष विकास पैकेज शामिल हैं।
इसमें रेलवे लाइनों को ब्रॉड गेज में तब्दील करना, विशेष त्वरित सड़क विकास कार्यक्रम, दूरसंचार नेटवर्क का विस्तार, और ट्रांसमिशन एवं वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करना शामिल है।
एमडीओएनईआर ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2021-22 से 2023-24) और चालू वित्त वर्ष (2024-25) में एनईएसआईडीएस के तहत 3417.68 करोड़ रुपये की लागत से 90 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों को दी गई है।
नई दिल्ली, 19 दिसंबर 2024: भारत सरकार ने उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं और पहलों के माध्यम से बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का प्रयास किया है। उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) ने पूर्वोत्तर राज्यों की सरकारों द्वारा प्रस्तावित परियोजनाओं को मंजूरी देकर उनके प्रयासों को बढ़ावा दिया है। इन योजनाओं में पूर्वोत्तर विशेष अवसंरचना विकास योजना (एनईएसआईडीएस), प्रधानमंत्री विकास पहल (पीएम-डिवाइन) योजना और विशेष विकास पैकेज शामिल हैं।
सरकार ने बेहतर सड़कों, रेल, जलमार्ग, दूरसंचार और हवाई संपर्क प्रदान करने के लिए कई परियोजनाओं को भी मंजूरी दी है। इसमें रेलवे लाइनों को ब्रॉड गेज में तब्दील करना, विशेष त्वरित सड़क विकास कार्यक्रम, दूरसंचार नेटवर्क का विस्तार, और ट्रांसमिशन एवं वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करना शामिल है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 54 गैर-छूट प्राप्त मंत्रालयों को अपनी योजनाओं के तहत 10% सकल बजटीय सहायता खर्च करने का निर्देश दिया गया है।
एमडीओएनईआर ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों (2021-22 से 2023-24) और चालू वित्त वर्ष (2024-25) में एनईएसआईडीएस के तहत 3417.68 करोड़ रुपये की लागत से 90 परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों को दी गई है। मंत्रालय परियोजनाओं की प्रगति पर निगरानी के लिए फील्ड तकनीकी सहायता इकाइयों (एफटीएसयू) और परियोजना गुणवत्ता निगरानीकर्ताओं (पीक्यूएम) एवं तृतीय पक्ष तकनीकी निरीक्षण (टीपीटीआई) एजेंसियों को नियुक्त कर रहा है।
एमडीओएनईआर का उद्देश्य केवल बुनियादी ढांचा तैयार करना नहीं है, बल्कि समग्र विकास को बढ़ावा देना भी है। एनईएसआईडीएस के तहत राज्य सरकारों के साथ सहयोग कर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़कों और अन्य बुनियादी सेवाओं में सुधार किया जा रहा है।
डॉ. सुकांत मजूमदार ने राज्यसभा में बताया कि सरकार की इन पहलों से पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इन परियोजनाओं की निगरानी और निरीक्षण के लिए नियमित रूप से मंत्रालय का हस्तक्षेप किया जा रहा है, ताकि गुणवत्ता और समयसीमा सुनिश्चित हो सके।