चंडीगढ़ सदन में हंगामा: वोट चोर कहे जाने पर भड़के अनिल मसीह, कांग्रेस-भाजपा पार्षद भिड़े
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों ने पीठासीन अधिकारी रहे अनिल मसीह पर "वोट चोर" के आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी और पोस्टर लहराए। जवाब में मसीह ने वेल में आकर कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम लेते हुए उन पर पलटवार किया।
भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों के बीच धक्का-मुक्की के दौरान वरिष्ठ डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह संधू और कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी के बीच तीखी बहस हुई।
बैठक की शुरुआत में कांग्रेस ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के अपमान के मुद्दे पर भाजपा से माफी मांगने की मांग की।
Chandigarh/ चंडीगढ़ नगर निगम की बैठक में मंगलवार को भारी हंगामा हुआ। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) के पार्षदों ने पीठासीन अधिकारी रहे अनिल मसीह पर "वोट चोर" के आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ नारेबाजी और पोस्टर लहराए। जवाब में मसीह ने वेल में आकर कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम लेते हुए उन पर पलटवार किया। इसके बाद माहौल इतना गरमाया कि कांग्रेस और भाजपा पार्षदों के बीच धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई।
मामला कैसे बढ़ा?
बैठक के दौरान आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों ने अनिल मसीह को निशाना बनाते हुए "वोट चोर" के नारे लगाए। मसीह ने इस पर जवाब देते हुए कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा और उन्हें जमानती बताया। इससे सदन में तनाव बढ़ गया। कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी ने मसीह के खिलाफ पोस्टर लहराए। भाजपा के पार्षदों ने पोस्टर छीनने की कोशिश की, जिससे धक्का-मुक्की और तीखी बहस शुरू हो गई।
हाथापाई और बहस
भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों के बीच धक्का-मुक्की के दौरान वरिष्ठ डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह संधू और कांग्रेस पार्षद गुरप्रीत सिंह गाबी के बीच तीखी बहस हुई। गुरप्रीत ने आरोप लगाया कि भाजपा पार्षदों ने उनके हाथ से पोस्टर छीनने की कोशिश की। वहीं भाजपा का कहना है कि कांग्रेस और आप पार्षद जानबूझकर सदन की कार्यवाही को बाधित करने का प्रयास कर रहे थे।
अन्य मुद्दों पर बहस
बैठक की शुरुआत में कांग्रेस ने डॉ. भीमराव आंबेडकर के अपमान के मुद्दे पर भाजपा से माफी मांगने की मांग की। इसके अलावा, बिजली बोर्ड के निजीकरण को लेकर भी कांग्रेस और आप ने भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
विवाद का बैकग्राउंड
जनवरी 2024 में हुए मेयर चुनावों के दौरान अनिल मसीह पीठासीन अधिकारी थे। वोटों में छेड़छाड़ के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी। कांग्रेस और आप ने इस मुद्दे को दोबारा उठाकर मसीह को निशाने पर लिया।