रामेश्वरम: शिव लिंग के दर्शन मात्र से मिलती है ब्रम्ह हत्या के पांप से मुक्ति
ताजा खबरों से अपडेट रहने के लिए हमारे Whatsapp Channel को Join करें |
रामेश्वरम हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्थान हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है और इसे भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।
यह स्थान रामायण की महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है और इसे पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है।
रामेश्वरम, भारत के तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। रामेश्वरम हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्थान हिन्दू धर्म के चार धामों में से एक है और इसे भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। भारत के उत्तर में काशी की जो मान्यता है वही दक्षिण में रामेश्वरम की है। यहाँ स्थित रामनाथस्वामी मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। रामेश्वरम का धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व हैऔर यह स्थल पर्यटकों और तीर्थयात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र है। रामेश्वरम एक सुंदर शंख के आकार का द्वीप है, जो मन्नार की खाड़ी और बंगाल की खाड़ी के बीच स्थित है और यह पंबन पुल द्वारा मुख्य भूमि से जुड़ा हुआ है। प्राचीन समय में यह भारत की भूमि से जुड़ा हुआ था परंतु समुद्र की लहरों ने इस मिलाने वाली कड़ी को धीरे-धीरे अपने में समाहित कर लिया जिसके बाद वह चारों ओर से पानी से घिर कर टापू बन गया।
रामेश्वरम का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने यहाँ से लंका जाने के लिए पुल का निर्माण किया था, जिसे 'रामसेतु' या 'आदम का पुल' कहा जाता है। यह पुल राम और उनकी वानर सेना द्वारा रावण को हराने के लिए बनाया गया था। रामेश्वरम में भगवान राम ने एक शिवलिंग स्थापित किया थाजिसे रामनाथस्वामी कहा जाता है। यह स्थान रामायण की महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी रहा है और इसे पवित्र तीर्थ स्थल माना जाता है। इस स्थान को 'रामेश्वरम' नाम इसलिए मिला क्योंकि भगवान राम ने यहाँ भगवान शिव की पूजा की थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण ब्राह्मण कुल से था। लड़ाई में राम द्वारा रावण की मृत्यु के पश्चात श्रीराम को ब्रह्म हत्या का पाप लगा था। जिसके पश्चाताप के लिए ऋषियों ने भगवान राम को शिवलिंग स्थापित करके अभिषेक करने की सलाह दी थी। जिसके बाद प्रभू श्रीराम ने दक्षिणी तट पर रेत से शिवलिंग बनाकर उसका अभिषेक किया था।
रामेश्वरम का सांस्कृतिक महत्व भी अत्यधिक है। यहाँ विभिन्न त्योहार और उत्सव बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं। महाशिवरात्रि, रामनवमीऔर कावड़ यात्रा यहाँ के प्रमुख त्योहार हैं। इन त्योहारों के दौरान रामेश्वरम का वातावरण भक्ति और उल्लास से भर जाता है।रामेश्वरम न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ के समुद्र तट, मरीना पार्क और अद्भुत समुद्री जीवन पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। पम्बन ब्रिज, जो रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ता है, एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण है।
धार्मिक महत्व एवं प्रमुख आकर्षण:
- रामनाथस्वामी मंदिर: रामनाथस्वामी मंदिर रामेश्वरम का मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यहाँ का ज्योतिर्लिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था और इसे वास्तुकला का अद्भुत नमूना माना जाता है। यह मंदिर द्रविड़ शैली में निर्मित है और इसकी स्थापत्य कला अद्वितीय है। मंदिर का गलियारा (कॉरिडोर) विश्व में सबसे लंबा है, जिसकी लंबाई लगभग 1200 मीटर है। यहाँ 22 तीर्थ कुंड (तालाब) हैं, जिन्हें तीर्थ स्नान के लिए पवित्र माना जाता है। मंदिर के गर्भ-गृह के निकट ही नौ ज्योतिर्लिंग है जो लंकापति विभीषण द्वारा स्थापित बताए जाते हैं। 145 खंभों पर टिकी इस मंदिर में परिक्रमा के लिए 3 अलग-अलग प्रकार के रास्ते बनाए गए हैं।
- धनुषकोडी: यह रामेश्वरम के दक्षिणी सिरे पर स्थित है। यहाँ बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर का संगम होता है। यह एक वीरान शहर है जिसे सन 1964 के तूफान ने नष्ट कर दिया था। कहा जाता है कि यहाँ से भगवान राम ने लंका पर आक्रमण के लिए समुद्र में पुल बनाया था।
- अग्नि तीर्थम:अग्नि तीर्थम, रामनाथस्वामी मंदिर के पास स्थित एक पवित्र समुद्र तट है। यहाँ समुद्र में स्नान करना अत्यंत पवित्र माना जाता है। कहा जाता है कि इस तीर्थम में स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं।
- काशी विश्वनाथ मंदिर:रामेश्वरम में स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर का भी धार्मिक महत्व है। यह मंदिर वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर का प्रतिनिधित्व करता है और यहाँ भी भगवान शिव की पूजा होती है।
- पम्बन ब्रिज:पम्बन ब्रिज भारत का पहला समुद्री पुल है जो रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ता है। यह पुल 1914 में बनाया गया था और यह रेल और सड़क दोनों के लिए उपयोगी है। इस पुल से गुजरते समय समुद्र का नज़ारा अत्यंत मनमोहक होता है।
- गंधमधन पर्वतम: यह एक छोटा पर्वत है और यहां से रामेश्वरम का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। यहाँ एक मंदिर है जो मुख्यतः गंधमधन को समर्पित है। यहाँ दक्षिण भारत में पूजे जाने वाले देवी-देवताओं की प्रतिमाएँ है। दो मंज़िलों के इस मंदिर में भगवान राम के पदचाप है जो यहाँ का प्रमुख आकर्षण है।
- अरियमन बीच: इस बीच पर साफ सुथरे पानी और मचलती हुई लहरें जब आपके पैरों को स्पर्श करते हुए गुजरेगी तो आपको अत्यंत आनंद की अनुभूति होगी। यहाँ आप बोटिंग, तैराकी और पानी के अन्य खेलों का आनंद ले सकते हैं।
- सी वर्ल्ड एक्वेरियम: यहाँ आप विभिन्न प्रकार के समुद्री जीवों को देख सकते हैं। शार्क, रैबिट, फिश, लॉबस्टर व ऑक्टोपस आदि यहाँ के प्रमुख आकर्षण है।
- कुशवाहा मंदिर: यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है और यहां भगवान हनुमान की एक विशाल प्रतिमा है।
- रामेश्वरम समुद्र तट: यह समुद्र तट सुकून और शांति के लिए जाना जाता है। यहाँ सूर्योदय और सूर्यास्त का दृश्य बहुत ही सुंदर होता है।
- विलुंडी तीर्थम: यह एक पवित्र कुआं है, जो समुद्र के बीच स्थित है। यहां माना जाता है कि भगवान राम ने सीता जी के प्यास बुझाने के लिए इस कुएं का निर्माण किया था।
ये स्थान धार्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं और रामेश्वरम की यात्रा को अविस्मरणीय बनाते हैं।
रामेश्वरम जाने का सही समय:
रामेश्वरम की जलवायु उष्णकटिबंध है। वैसे तो रामेश्वरम साल भर में कभी भी जा सकते हैं परंतु घूमने का सबसे सहीं समय है अक्टूबर से अप्रैल के बीच। इस समय मौसम घूमने के लिए अनुकूल होता है। हांलाकि जुलाई से सितंबर तक बारिश का मौसम रहता है पर इस दौरान भी यहाँ का नज़ारा आनंदमयी होता है।
रामेश्वरम कैसे पहुँचे:
हवाई मार्ग: रामेश्वरम का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा मदुरै हवाई अड्डा है, जो यहाँ से लगभग 170 किलोमीटर दूर है। मदुरै से रामेश्वरम के लिए टैक्सी और बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग: रामेश्वरम रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहाँ के लिए चेन्नई, मदुरै, और त्रिची से नियमित ट्रेनें चलती हैं।
सड़क मार्ग: रामेश्वरम तमिलनाडु के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से भी जुड़ा हुआ है। यहाँ के लिए राज्य परिवहन की बसें और निजी टैक्सियाँ उपलब्ध हैं।
इस प्रकार रामेश्वरम का धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व इसे भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक बनाता है। यहाँ का अद्भुत स्थापत्य कला, प्राकृतिक सौंदर्य, और धार्मिक वातावरण हर साल लाखों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। रामेश्वरम की यात्रा एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करती है जो धार्मिक आस्था के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और इतिहास की गहराइयों को भी छूता है।