ISKCON Controversy : बांग्लादेश में जारी हिंदुओं पर हिंसा
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बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से हिंदू समुदाय की स्थिति बदहाल होती जा रही है। कट्टरपंथ चरम पर है। लोकतंत्र बैसाखियों पर है। हिंदुओं के घरों पर अन्य संस्थानों को लगातार हिंसा का निशाना बनाया जा रहा है।
ढाका/ बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से हिंदू समुदाय की स्थिति बदहाल होती जा रही है। कट्टरपंथ चरम पर है। लोकतंत्र बैसाखियों पर है। हिंदुओं के घरों पर अन्य संस्थानों को लगातार हिंसा का निशाना बनाया जा रहा है। हद तो तब हो गई जब ISKCON के प्रमुख नेताओं में से एक बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता और चटगांव स्थित पूंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी को 25 नवंबर, सोमवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। और फिर मंगलवार को चटगांव की अदालत ने जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। चिन्मय कृष्ण दास ISKCON बांग्लादेश के पूर्व सदस्य हैं। हिंदू नेता द्वारा संचालित कुंडलीधाम मठ के प्रवक्ता ने शनिवार, 30 नवंबर 2024 को बताया कि चटगांव के पूर्वोत्तर बंदरगाह शहर से चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है।
चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस के मुताबिक, पुजारियों की पहचान रुद्रप्रोति केसब दास और रंगनाथ श्यामा सुंदर दास के रूप में की गई है, दोनों को उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे जेल में चिन्मय दास को खाना और दवा देने गए थे। वहीँ कुंडलीधाम मठ के प्रवक्ता प्रोफेसर कुशल बरुण चक्रवर्ती ने कहा- "चिन्मय कृष्ण दास के सहयोगी अदिनाथ प्रभु और रंगनाथ दास को उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे बंदरगाह शहर में जेल में बंद अपने नेता के लिए कुछ भोजन ले जा रहे थे,"। दोनों को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया।
बता दें कि बांग्लादेश के इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के पूर्व सदस्य हिंदू पुजारी चिन्मय दास को सोमवार को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया था, मंगलवार को राजद्रोह के एक मामले में चटगांव की अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया और जेल भेज दिया था. अगस्त में शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद से हिंदू समुदाय के सदस्यों पर कड़ी कार्रवाई की जा रहीं है। बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहें हमलों को लेकर भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है।