ढाका: उपद्रवियों ने इस्कॉन मंदिर में लगाई आग, मूर्तियां खंडित
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बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार की सुबह उपद्रवियों ने ढाका जिले के धौर गांव में स्थित इस्कॉन मंदिर में आगजनी की। इस घटना में मंदिर की एक मूर्ति खंडित हो गई और अन्य संपत्तियां क्षतिग्रस्त हुईं। इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने बताया कि उपद्रवियों ने टिन की छत उठाकर पेट्रोल या ऑक्टेन का इस्तेमाल कर मंदिर में आग लगाई।
बांग्लादेश/ बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार की सुबह उपद्रवियों ने ढाका जिले के धौर गांव में स्थित इस्कॉन मंदिर में आगजनी की। इस घटना में मंदिर की एक मूर्ति खंडित हो गई और अन्य संपत्तियां क्षतिग्रस्त हुईं। इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने बताया कि उपद्रवियों ने टिन की छत उठाकर पेट्रोल या ऑक्टेन का इस्तेमाल कर मंदिर में आग लगाई। आग को जल्दी बुझा लिया गया, जिससे ज्यादा नुकसान टल गया, लेकिन मूर्ति और अन्य धार्मिक संपत्तियां प्रभावित हुईं।
घटना की पृष्ठभूमि
यह हमला ढाका जिले के तुराग पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में हुआ। स्थानीय पुलिस ने अपराधियों का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। भारत में इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि यह हमला "श्री राधा कृष्ण मंदिर" और "श्री महाभाग्य लक्ष्मी नारायण मंदिर" पर हुआ। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि यह मंदिर हरे कृष्ण नमहट्टा संघ के अंतर्गत आता है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी से उपजा तनाव
पिछले दिनों हिंदू पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को और संवेदनशील बना दिया है। चिन्मय दास, जो इस्कॉन बांग्लादेश के पूर्व सदस्य और "सनातनी जागरण जोत" के प्रवक्ता हैं, को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया। 26 नवंबर को चटगांव में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें सहायक सरकारी अभियोजक सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या कर दी गई।
भारत और बांग्लादेश में बढ़ा तनाव
इस घटना के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ गया है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारतीय दूत को तलब कर अगरतला में बांग्लादेशी मिशन पर हुए प्रदर्शन के लिए विरोध दर्ज कराया। वहीं, भारत में भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ प्रदर्शन जारी हैं। असम के बराक वैली होटल और रेस्तरां एसोसिएशन ने घोषणा की है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले बंद होने तक बांग्लादेशी नागरिकों को होटल में एंट्री नहीं दी जाएगी।
बढ़ती हिंसा पर चिंतन
बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों और अल्पसंख्यकों पर लगातार हो रहे हमले गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं। धार्मिक स्थलों पर हिंसा न केवल समाज में अस्थिरता फैलाती है बल्कि दोनों देशों के रिश्तों को भी प्रभावित करती है। बांग्लादेश सरकार को इस मामले में तत्काल कार्रवाई कर दोषियों को सजा देनी चाहिए ताकि अल्पसंख्यकों में सुरक्षा की भावना बहाल हो सके।