गरीबी हटाओ: कांग्रेस का सबसे बड़ा जुमला - पीएम मोदी का लोकसभा में हमला
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प्रधानमंत्री ने संविधान के मुद्दे पर भी कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि संविधान का दुरुपयोग करना और उसकी भावना को नष्ट करना कांग्रेस के डीएनए में है। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार संविधान की पवित्रता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कांग्रेस के 'गरीबी हटाओ' नारे को सबसे बड़ा जुमला करार देते हुए कहा कि इस नारे का इस्तेमाल कांग्रेस ने केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए किया, लेकिन गरीबों की स्थिति को सुधारने के लिए कुछ नहीं किया।
पीएम मोदी का बयान
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा, "हमारे कांग्रेस के साथियों को एक शब्द बहुत प्रिय है और वो है 'जुमला'। लेकिन देश जानता है कि हिंदुस्तान का सबसे बड़ा जुमला कांग्रेस का 'गरीबी हटाओ' था। चार-चार पीढ़ियों तक इस नारे को दोहराया गया, लेकिन इसका लाभ गरीबों को नहीं मिला। कांग्रेस ने इस नारे के जरिए अपनी राजनीति की रोटी सेकी।"
गरीबों के लिए मोदी सरकार के कदम
प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने गरीबों की गरिमा को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने कहा कि आजादी के इतने सालों के बाद भी गरीबों को शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल सकीं। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए कहा, "क्या गरीबों के घरों में शौचालय बनवाने का समय कांग्रेस के पास नहीं था?"
पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने गरीबों के सम्मान के लिए शौचालय निर्माण अभियान को प्राथमिकता दी। "हमने इसे एक मिशन की तरह लिया और हर गरीब परिवार को गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार दिया।"
संविधान पर कांग्रेस पर निशाना
प्रधानमंत्री ने संविधान के मुद्दे पर भी कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि संविधान का दुरुपयोग करना और उसकी भावना को नष्ट करना कांग्रेस के डीएनए में है। पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार संविधान की पवित्रता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
11 संकल्प पेश किए
सदन में प्रधानमंत्री ने देश के विकास और संविधान की पवित्रता को बनाए रखने के लिए 11 संकल्प पेश किए:
हर नागरिक और सरकार अपने कर्तव्यों का पालन करे।
हर समाज और क्षेत्र को विकास का लाभ मिले।
भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहनशीलता।
देश की परंपराओं और कानूनों पर गर्व हो।
गुलामी की मानसिकता से मुक्ति मिले।
राजनीति को परिवारवाद से मुक्त किया जाए।
संविधान का सम्मान किया जाए।
आरक्षण की सुरक्षा हो और धर्म आधारित आरक्षण पर रोक लगे।
महिलाओं को नेतृत्व में प्राथमिकता दी जाए।
राज्यों के विकास से राष्ट्र का विकास सुनिश्चित हो।
'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' का लक्ष्य सर्वोपरि हो।
संसद में माहौल गर्म
प्रधानमंत्री मोदी के इस भाषण के बाद विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। लेकिन पीएम मोदी ने विपक्ष के हमलों का जवाब मजबूती से दिया और कहा कि उनकी सरकार गरीबों की सेवा के लिए समर्पित है।
प्रधानमंत्री के इस भाषण ने संसद सत्र को गरमा दिया और आगामी राजनीतिक बहसों की दिशा तय कर दी।