वन नेशन वन इलेक्शन बिल लोकसभा में हुआ पास, पक्ष में 269 वोट पड़े
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वन नेशन वन इलेक्शन का बिल लोकसभा में वोटिंग के बाद पेश किया गया। सदन में इस विधेयक के पक्ष में 269 सांसदों ने मतदान किया जबकि 198 सांसदों ने इसके खिलाफ वोटिंग की।
विधेयक पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि नियम 74 के तहत वह इस विधेयक के लिए जेपीसी के गठन का प्रस्ताव करेंगे।
कांग्रेस के नेता गौरव गोगोई का कहना है कि यह संविधान और लोगों को वोट देने के अधिकार पर हमला है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी बिल का विरोध किया है उनका कहना है कि यह फैसला सच्चे लोकतंत्र के लिए घातक साबित होगा।
न्यू दिल्ली/ आज लोकसभा में वन नेशन वन इलेक्शन बिल पेश किया गया जहां विपक्षी सांसदों ने जमकर इसके विरोध में हंगामा किया। वन नेशन वन इलेक्शन का बिल लोकसभा में वोटिंग के बाद पेश किया गया। सदन में इस विधेयक के पक्ष में 269 सांसदों ने मतदान किया जबकि 198 सांसदों ने इसके खिलाफ वोटिंग की। इसके बाद विधायक को दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास भेजा गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सुझाव के बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस विधेयक को व्यापक स्तर पर विचार विमर्श करने के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भेजने का आग्रह किया था।
बाता दें कि 25 नवंबर को शुरू हुए संसद का शीतकालीन सत्र अपने आखिरी हफ्ते में कदम रख चुका है जो 20 दिसंबर तक चलेगा। आज नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव को एक साथ करने के लिए संविधान संशोधन विधेयक को सूचीबद्ध किया। लोकसभा में विधेयक पर चर्चा के दौरान अमित शाह ने कहा कि "जब यह संविधान संशोधन विधेयक कैबिनेट के पास चर्चा में आया था तभी प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि इसे जेपीसी को देना चाहिए। इस पर सभी स्तर पर विस्तृत रूप से चर्चा होनी चाहिए।" इसके बाद इस विधेयक पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि नियम 74 के तहत वह इस विधेयक के लिए जेपीसी के गठन का प्रस्ताव करेंगे।
इस विधेयक पर क्या कहा विपक्ष ने
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एएनआई से बात करते हुए कहा की "एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक केवल पहले मिल का पत्थर है असली मकसद एक नया संविधान लाना है। संविधान में संशोधन करना एक बात है लेकिन एक नया संविधान लाना आरएसएस और पीएम मोदी का असली मकसद है।" वहीं कांग्रेस के नेता गौरव गोगोई का कहना है कि यह संविधान और लोगों को वोट देने के अधिकार पर हमला है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी बिल का विरोध किया है उनका कहना है कि यह फैसला सच्चे लोकतंत्र के लिए घातक साबित होगा। वहीं कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी और समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी विधायक के विरोध में बयान दिया।