92 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का निधन, दिल्ली एम्स में ली आखिरी सांस
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डॉ. मनमोहन सिंह का निधन, एम्स में ली आखिरी सांस.
भारत के आर्थिक सुधारों में अहम भूमिका, उदारीकरण और आरटीआई जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए.
दिल्ली/भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और देश को आर्थिक संकट से उबारने वाले खेवनहार डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, 92 वर्षीय डॉ. मनमोहन सिंह, जो दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे, को सांस लेने में कठिनाई की शिकायत के बाद दिल्ली AIIMS लाया गया था। उन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती करवाया गया था। मल्टीपल डिपार्टमेंट की टीम उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रही थी, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से लेकर 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अचानक तबीयत खराब होने की खबर मिलते ही राहुल गांधी बेलगावी से दिल्ली के लिए रवाना हो गए। वहीं, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी दिल्ली पहुंच गईं। मनमोहन सिंह की तबीयत खराब होने की खबर के बीच कांग्रेस ने शुक्रवार को होने वाली रैली को भी रद्द कर दिया है।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा ने अपने सोशल मीडिया पर यह जानकारी साझा करते हुए डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी।
डॉ. मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में कार्य करते हुए 1991 में आर्थिक उदारीकरण की शुरुआत में अहम भूमिका निभाई। इसमें सरकारी नियंत्रण को कम करना, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बढ़ावा देना और संरचनात्मक सुधार (Structural Reforms) लागू करना शामिल था, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक बाजारों के लिए खोली गई।
उनकी सरकार ने 2005 में मनरेगा (MGNREGA) लागू किया, जिसने प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 100 दिन के वेतन रोजगार की गारंटी दी। इस योजना से लाखों लोगों की आजीविका में सुधार हुआ और ग्रामीण बुनियादी ढांचे का विकास हुआ।
2005 में ही सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI Act) पारित हुआ, जिसने नागरिकों को सार्वजनिक प्राधिकरणों से जानकारी मांगने का अधिकार दिया। इसने शासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाई।
डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने आधार परियोजना की शुरुआत की, जिससे नागरिकों को विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान की गई और सरकारी सेवाओं तक पहुंच आसान हुई। इसके अलावा, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer) सिस्टम को लागू किया गया, जिसने कल्याणकारी योजनाओं के वितरण को पारदर्शी और कुशल बनाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2006 में डॉ. मनमोहन सिंह की दूसरी बाईपास सर्जरी हुई थी, जिसके बाद से उनका स्वास्थ्य लगातार खराब चल रहा था। गुरुवार को उन्हें सांस लेने में तकलीफ और बेचैनी होने लगी, जिसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था।
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा।