कैबिनेट की बड़ी बैठक: जूट की MSP में बड़ा इजाफा
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मोदी सरकार के शुरुआती वर्षों में 2014-15 में कच्चे जूट का एमएसपी 2,400 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब बढ़कर दोगुने से ज्यादा हो गया है। सरकार के इस फैसले से जूट उत्पादकों को आर्थिक फायदा होगा और उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
पीयूष गोयल ने बताया कि NHM ने बीते 10 वर्षों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। 2021-22 के बीच 12 लाख स्वास्थ्यकर्मी इस मिशन से जुड़े और इसी के तहत भारत ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला किया।
New Delhi/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने कच्चे जूट पर एमएसपी बढ़ाने का बड़ा फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी दी कि विपणन सत्र 2025-26 के लिए कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो मौजूदा एमएसपी से 6% ज्यादा है। इससे जूट उत्पादकों को औसत उत्पादन लागत पर 66.8% का लाभ मिलेगा। मोदी सरकार के शुरुआती वर्षों में 2014-15 में कच्चे जूट का एमएसपी 2,400 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब बढ़कर दोगुने से ज्यादा हो गया है। सरकार के इस फैसले से जूट उत्पादकों को आर्थिक फायदा होगा और उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। कैबिनेट की इस बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) को अगले पांच साल तक जारी रखने की मंजूरी भी दी गई। पीयूष गोयल ने बताया कि NHM ने बीते 10 वर्षों में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। 2021-22 के बीच 12 लाख स्वास्थ्यकर्मी इस मिशन से जुड़े और इसी के तहत भारत ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला किया।
जनवरी 2025 में मोदी कैबिनेट ने दो अहम बैठकें की हैं। पहली बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दी गई, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों को राहत मिलेगी। दूसरी बैठक में कच्चे जूट पर एमएसपी बढ़ाने और NHM को विस्तार देने जैसे निर्णय लिए गए।