ठेकेदार आत्महत्या मामला: सुसाइड नोट में मंत्री प्रियांक खरगे का नाम, भाजपा का कांग्रेस पर निशाना

Thu 02-Jan-2025,07:48 PM IST +05:30

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ठेकेदार आत्महत्या मामला: सुसाइड नोट में मंत्री प्रियांक खरगे का नाम, भाजपा का कांग्रेस पर निशाना
  • भाजपा नेता ने दावा किया कि एफएसएल रिपोर्ट ने सुसाइड नोट को असली बताया है। नारायणस्वामी ने कहा, "सुसाइड नोट में मंत्री प्रियांक खरगे का नाम है, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। सरकार को इस मामले में ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।"

  • नारायणस्वामी ने आरोप लगाया कि सिद्धारमैया अपने पद से चिपके हुए हैं और मंत्री प्रियांक खरगे पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। उन्होंने कहा, "सीएम को प्रियांक खरगे के खिलाफ कदम उठाने से डर है क्योंकि उनके पिता मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। 

  • सुसाइड नोट की एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद विवाद और बढ़ गया है। रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि यह नोट फर्जी नहीं है। भाजपा ने मांग की है कि प्रियांक खरगे को तुरंत मंत्री पद से हटाया जाए और मामले की गहन जांच हो।

Karnataka / Bangalore Urban :

कर्नाटक में ठेकेदार सचिन पांचाल की आत्महत्या ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि पांचाल के सुसाइड नोट में राज्य सरकार के मंत्री प्रियांक खरगे का नाम तीन बार लिया गया है। भाजपा नेता और विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष चलवाडी नारायणस्वामी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सात पन्नों के सुसाइड नोट में मंत्री खरगे का नाम स्पष्ट रूप से दर्ज है।

प्रियांक खरगे पर गंभीर आरोप
भाजपा नेता ने दावा किया कि एफएसएल रिपोर्ट ने सुसाइड नोट को असली बताया है। नारायणस्वामी ने कहा, "सुसाइड नोट में मंत्री प्रियांक खरगे का नाम है, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इसे नजरअंदाज कर रहे हैं। सरकार को इस मामले में ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।"

सीएम सिद्धारमैया पर हमला
भाजपा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर भी निशाना साधा। नारायणस्वामी ने आरोप लगाया कि सिद्धारमैया अपने पद से चिपके हुए हैं और मंत्री प्रियांक खरगे पर कार्रवाई करने से बच रहे हैं। उन्होंने कहा, "सीएम को प्रियांक खरगे के खिलाफ कदम उठाने से डर है क्योंकि उनके पिता मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। सत्ता बचाने के लिए सिद्धारमैया सरकार सच छिपा रही है।"

कांग्रेस ने किया बचाव
इस मामले में कांग्रेस की ओर से अब तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पहले कहा था कि सुसाइड नोट में प्रियांक खरगे का नाम होने का कोई सबूत नहीं है। कांग्रेस ने भाजपा पर मामले को राजनीतिक रंग देने का आरोप लगाया है।

एफएसएल रिपोर्ट के बाद बढ़ा विवाद
सुसाइड नोट की एफएसएल रिपोर्ट आने के बाद विवाद और बढ़ गया है। रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि यह नोट फर्जी नहीं है। भाजपा ने मांग की है कि प्रियांक खरगे को तुरंत मंत्री पद से हटाया जाए और मामले की गहन जांच हो।

आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी
भाजपा और कांग्रेस के बीच इस मुद्दे पर लगातार बयानबाजी हो रही है। जहां भाजपा इसे सिद्धारमैया सरकार की नाकामी बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे भाजपा की राजनीति करार दे रही है। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले पर क्या रुख अपनाती है।