HMPV Virus in China: क्यों छिपा रहा है चीन एचएमपीवी वायरस को, क्या है इस खतरनाक वायरस के लक्षण और वैश्विक प्रभाव
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ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक श्वसन रोगजनक वायरस है, जो मुख्य रूप से इंसानों की श्वसन प्रक्रिया को प्रभावित करता है। पहली बार इसकी पहचान 2001 में नीदरलैंड में वैज्ञानिकों ने की थी।
यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है। इसकी संक्रमण प्रक्रिया अन्य श्वसन वायरस जैसे खांसी और छींक के दौरान फैलने वाली बूंदों के संपर्क से होती है।
इसके लक्षण कोरोनावायरस और मौसमी फ्लू से मिलते-जुलते हैं, जिससे इसका पहचानना मुश्किल हो जाता है।
मौजूदा समय में एचएमपीवी से बचाव के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। एंटीवायरल दवाएं भी इस वायरस पर असर नहीं डालती हैं।
HMPV Virus in China/ चीन में एक नए वायरस, ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी), के फैलने की खबरों ने वैश्विक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है। इस वायरस के कारण अस्पतालों के बाहर लंबी कतारें और श्वसन संबंधी समस्याओं में बढ़ोतरी देखी जा रही है। आइए जानते हैं इस वायरस की गहराई से जानकारी और इससे जुड़े प्रभाव।
क्या है एचएमपीवी वायरस?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) एक श्वसन रोगजनक वायरस है, जो मुख्य रूप से इंसानों की श्वसन प्रक्रिया को प्रभावित करता है। पहली बार इसकी पहचान 2001 में नीदरलैंड में वैज्ञानिकों ने की थी। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है। इसकी संक्रमण प्रक्रिया अन्य श्वसन वायरस जैसे खांसी और छींक के दौरान फैलने वाली बूंदों के संपर्क से होती है।
स्टडीज के अनुसार, एचएमपीवी पिछले छह दशकों से दुनिया में मौजूद है। हालांकि, हाल के वर्षों में इसके मामलों में तेजी देखी गई है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में।
क्या है एचएमपीवी का प्रभाव
एचएमपीवी मुख्य रूप से निम्नलिखित लक्षण पैदा करता है:
• सर्दी, खांसी, बुखार, और कफ
• सांस लेने में कठिनाई, गले और श्वसन नली में जाम
• गंभीर मामलों में ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया
इसके लक्षण कोरोनावायरस और मौसमी फ्लू से मिलते-जुलते हैं, जिससे इसका पहचानना मुश्किल हो जाता है। हालांकि, यह मुख्यतः मौसमी संक्रमण माना जाता है। सामान्य मामलों में, यह वायरस 3 से 5 दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों में इसके प्रभाव अधिक गंभीर हो सकते हैं।
चीन में एचएमपीवी के मामलों में वृद्धि के कारण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। हॉन्गकॉन्ग एफपी की रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन में यह वायरस तेजी से फैल रहा है और श्वसन संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। इसके अलावा, इन्फ्लुएंजा ए, माइकोप्लासमा न्यूमोनिए, और कोरोनावायरस जैसे अन्य वायरस भी सक्रिय हैं।
चीन के रोग नियंत्रण प्राधिकरण ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एक नई निगरानी प्रणाली शुरू की है। इसका उद्देश्य अज्ञात कारणों से होने वाली बीमारियों की पहचान और नियंत्रण है।
इस वायरस के उपचार और बचाव
मौजूदा समय में एचएमपीवी से बचाव के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है। एंटीवायरल दवाएं भी इस वायरस पर असर नहीं डालती हैं। इलाज में मुख्य रूप से लक्षणों को नियंत्रित करने वाली दवाएं दी जाती हैं।
बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
• मास्क पहनना
• नियमित रूप से हाथ धोना
• भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचना
• प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखना
कौन-कौन से देश हैं प्रभावित
2023 में एचएमपीवी के मामले नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका, और चीन में दर्ज किए गए। चिकित्सा विशेषज्ञों ने इसे गंभीरता से लिया है और इससे बचाव के उपाय सुझाए हैं।
भारत की तैयारी
भारत के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने चीन में एचएमपीवी के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए श्वसन संक्रमण के मामलों पर कड़ी नजर रखी है। अधिकारियों ने कहा है कि देश में स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है और घबराने की आवश्यकता नहीं है।
डॉ. अतुल गोयल ने लोगों को सामान्य सावधानियां बरतने की सलाह दी है, जैसे कि सर्दी-जुकाम के दौरान दूसरों के संपर्क में आने से बचना।
इस प्रकार एचएमपीवी एक श्वसन वायरस है, जो कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इसकी रोकथाम के लिए टीके और विशेष उपचार की अनुपस्थिति इसे चुनौतीपूर्ण बनाती है। चीन में इसके बढ़ते मामलों ने वैश्विक चिकित्सा समुदाय को सतर्क कर दिया है। बचाव के उपायों को अपनाना और सतर्कता बनाए रखना ही इससे बचने का सबसे प्रभावी तरीका है।