भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते के दो सफल वर्ष पूरे

Sun 29-Dec-2024,04:10 PM IST +05:30

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भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते के दो सफल वर्ष पूरे भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता
  • चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-नवंबर 2024) में द्विपक्षीय व्यापार 16.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया, जो दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों की मजबूती को दर्शाता है।

  • भारत ने धातु अयस्कों, लकड़ी, कपास और अन्य कच्चे माल का आयात किया है, जिसने घरेलू उद्योगों को मजबूती दी है। 

  • अब तक इस समझौते पर 10 औपचारिक दौर और अंतर-सत्रीय चर्चाएँ हो चुकी हैं। दिसंबर 2024 में नई दिल्ली में हुई समीक्षा में सीईसीए के लिए प्रगति का आकलन किया गया और आगे की रणनीतियों पर चर्चा की गई।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न 2047 के तहत, भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए इस साझेदारी को और सशक्त किया जा रहा है। 

Delhi / New Delhi :

New Delhi/ भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (इंड-ऑस ईसीटीए) ने 2022 में लागू होने के बाद से अपने दो सफल वर्ष पूरे कर लिए हैं। यह समझौता दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को नई दिशा देने के साथ-साथ विकास की संभावनाओं को भी बढ़ा रहा है। इंड-ऑस ईसीटीए ने न केवल व्यापार को बढ़ावा दिया है, बल्कि एमएसएमई, व्यवसायों और रोजगार के क्षेत्र में भी नए अवसर पैदा किए हैं।

द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि
इस समझौते के लागू होने के बाद से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार दोगुना हो गया है। 2020-21 में 12.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2022-23 में यह 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया। हालाँकि, 2023-24 में यह आँकड़ा घटकर 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर रह गया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया को भारत के निर्यात में 14% की वृद्धि दर्ज की गई। चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-नवंबर 2024) में द्विपक्षीय व्यापार 16.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया, जो दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों की मजबूती को दर्शाता है।

महत्वपूर्ण क्षेत्र और व्यापार विविधता
इंड-ऑस ईसीटीए के माध्यम से कपड़ा, रसायन और कृषि जैसे क्षेत्रों में व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसके अलावा, हीरे जड़े सोने और टर्बोजेट जैसे नए उत्पादों के निर्यात ने व्यापार में विविधता लाने का संकेत दिया है।
भारत ने धातु अयस्कों, लकड़ी, कपास और अन्य कच्चे माल का आयात किया है, जिसने घरेलू उद्योगों को मजबूती दी है। इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में भविष्य में और अधिक वृद्धि की संभावना जताई गई है।

व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) पर प्रगति
इंड-ऑस ईसीटीए की सफलता के आधार पर, भारत और ऑस्ट्रेलिया अब व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। सीईसीए का उद्देश्य दोनों देशों के बीच गहन आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देना और 2030 तक 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर के व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करना है।
अब तक इस समझौते पर 10 औपचारिक दौर और अंतर-सत्रीय चर्चाएँ हो चुकी हैं। दिसंबर 2024 में नई दिल्ली में हुई समीक्षा में सीईसीए के लिए प्रगति का आकलन किया गया और आगे की रणनीतियों पर चर्चा की गई।

आर्थिक साझेदारी का भविष्य
दोनों देश इंड-ऑस ईसीटीए से प्राप्त लाभों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस समझौते ने भारत के उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति सुनिश्चित की है और ऑस्ट्रेलिया के निर्यातकों को भारतीय बाजार में मजबूत उपस्थिति बनाने का अवसर दिया है।

प्रधानमंत्री का विज़न 2047
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न 2047 के तहत, भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए इस साझेदारी को और सशक्त किया जा रहा है। इंड-ऑस ईसीटीए न केवल व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ा रहा है, बल्कि यह दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और राजनीतिक रिश्तों को भी मजबूत कर रहा है।