NSE announces ₹1 crore aid for victims of the Pahalgam terrorist attack in Kashmir

Fri 25-Apr-2025,05:59 PM IST +05:30

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NSE announces ₹1 crore aid for victims of the Pahalgam terrorist attack in Kashmir NSE announces ₹1 crore aid for victims of the Pahalgam terrorist attack in Kashmir
  • 22 अप्रैल, 2025 को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई, जिसके बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने पीड़ितों के परिवारों के लिए ₹1 करोड़ की सहायता राशि देने का ऐलान किया।

  • भारत सरकार ने आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित किया और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा नियमों में बदलाव कर दिए, साथ ही उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या घटाई।

Jammu and Kashmir / Pahlgam :

22 अप्रैल, 2025 को, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने कश्मीर के पहलगाम में हुए दुखद आतंकवादी हमले में मारे गए 26 लोगों के परिवारों की सहायता के लिए ₹1 करोड़ देने का संकल्प लिया। इस घटना ने पूरे देश को गहरे शोक में डुबो दिया और गुस्से की लहर भी दौड़ गई। इस त्रासदी के बाद, एनएसई के एमडी और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने सोशल मीडिया पर इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए पीड़ितों के परिवारों के लिए सहायता देने की घोषणा की।

चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा, "समर्थन के एक विनम्र रूप में, एनएसई इस कठिन समय के दौरान पीड़ितों के परिवारों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, पीड़ितों के परिजनों को 1 करोड़ रुपये देने का संकल्प लेता है।" इस कदम की जनता की ओर से व्यापक रूप से सराहना की गई है। एक यूजर ने टिप्पणी की, "यह केवल मौद्रिक समर्थन नहीं है, यह एक बड़ा संदेश देता है। एनएसई को बधाई।"

यह घटना कश्मीर के पहलगाम जिले में हुई और इसके बाद भारतीय सरकार ने पाकिस्तान के साथ कड़ी कार्रवाई की है। भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और अटारी में एकीकृत चेक पोस्ट को बंद कर दिया है। अब, केवल वैध वीजा रखने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को 1 मई, 2025 तक उक्त मार्ग से लौटने की अनुमति दी गई है। साथ ही, पाकिस्तानी नागरिकों को अब सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पहले जारी किए गए एसवीईएस वीजा को भी रद्द कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है।

भारत ने इस कायरतापूर्ण हमले के बाद अपने इस्लामाबाद स्थित उच्चायोग से अपने सलाहकारों को वापस बुलाने का भी निर्णय लिया है। इसके साथ ही, दोनों देशों के उच्चायोगों में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या को 55 से घटाकर 30 कर दिया जाएगा। इस कड़ी कार्रवाई से यह स्पष्ट संदेश गया है कि भारत अपनी संप्रभुता और सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार के आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।

एनएसई का यह मानवीय कदम समाज में एक सकारात्मक संदेश भेजता है, जो यह दर्शाता है कि इस तरह के कठिन समय में केवल वित्तीय सहायता ही नहीं, बल्कि संवेदनशीलता और एकजुटता भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। एनएसई का यह योगदान पीड़ितों के परिवारों के लिए सहायक साबित होगा और यह राष्ट्र की एकजुटता और शोक के समय भी सहानुभूति और सहयोग की भावना को प्रकट करता है।

कुल मिलाकर, यह घटना एक सख्त संदेश है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी कड़ी कार्रवाई जारी रखेगा और साथ ही पीड़ितों के परिवारों के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगा। एनएसई का यह योगदान न केवल वित्तीय मदद है, बल्कि यह देश की एकता और संवेदनशीलता का प्रतीक भी है।