जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट मोड में काम शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में गुजरात के अहमदाबाद शहर में शनिवार (26 अप्रैल 2025) को एक बड़ा अभियान चलाया गया, जिसमें 500 से अधिक संदिग्ध विदेशी नागरिकों को हिरासत में लिया गया। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच, एसओजी, EOW, जोन 6 और मुख्यालय की संयुक्त कार्रवाई में यह अभियान सुबह 3 बजे से शुरू किया गया और शहर के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की गई।
इस तलाशी अभियान के तहत विशेष तौर पर चंदोला झील और आसपास के क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जहां बांग्लादेशी नागरिकों की अवैध तरीके से रहने की सूचना मिली थी। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर शरद सिंघल ने जानकारी दी कि अब तक करीब 457 लोगों को हिरासत में लिया गया है और उनकी पहचान की प्रक्रिया चल रही है। इस दौरान 127 अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 77 को पहले ही निर्वासित किया जा चुका है।
शरद सिंघल ने बताया कि पहचान के लिए कई स्तरों पर जांच की जा रही है। पकड़े गए लोगों के पास मौजूद आईडी कार्ड कब और कहां बने? उनका जन्म स्थान क्या है? माता-पिता कहां के हैं? उन्होंने कितनी बार बांग्लादेश की यात्रा की? और वर्तमान में वे किन लोगों के संपर्क में हैं? इन सभी सवालों के जवाब के आधार पर उनकी पहचान और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी बताया कि अप्रैल 2024 से अब तक इस तरह की दो एफआईआर दर्ज की गई हैं और गृह मंत्रालय के निर्देश पर राज्य पुलिस ने अवैध विदेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। यह कार्रवाई दिखाती है कि सरकार अब किसी भी प्रकार की घुसपैठ को बर्दाश्त नहीं करेगी।
यह कदम न केवल आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आवश्यक है, बल्कि यह भी संकेत है कि भारत अब अपने सीमावर्ती और शहरी इलाकों में अवैध घुसपैठियों को लेकर और अधिक सतर्क है। पहलगाम हमले के बाद देश का मूड बदल चुका है और अब सुरक्षा में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गुजरात की यह कार्रवाई आने वाले समय में अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है, जहाँ बड़े पैमाने पर अवैध घुसपैठ की संभावना बनी रहती है।