आतंकी हमले पर संवेदना और देश की एकता
प्रधानमंत्री मोदी ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की और इसे आतंकवाद के सरपरस्तों की हताशा का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ देश की एकता और 140 करोड़ भारतीयों की शक्ति ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। यह हमला कश्मीर में शांति और विकास की कोशिशों को विफल करने की साजिश थी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा और दोषियों को कठोर सजा दी जाएगी।
वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री ने भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के महान वैज्ञानिक डॉ. के. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने डॉ. कस्तूरीरंगन के योगदान को याद करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में ISRO ने नई ऊंचाइयों को छुआ और भारत को अंतरिक्ष में वैश्विक मान्यता दिलाई। उनके योगदान के लिए देश हमेशा उनका आभारी रहेगा।
भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम
भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की 50वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ने ISRO की सफलता को याद किया। भारत ने कई महत्वपूर्ण मिशनों, जैसे चंद्रयान-3, आदित्य-L1 और मंगल मिशन, को सफलता से अंजाम दिया है। उन्होंने बताया कि भारत अब विश्व के सबसे किफायती और सफल अंतरिक्ष कार्यक्रमों में से एक का नेतृत्व कर रहा है।
मानवता के लिए भारत की मदद
प्रधानमंत्री ने म्यांमार में आए भूकंप के बाद भारत की त्वरित राहत और बचाव कार्यों का उल्लेख किया। भारतीय टीम ने म्यांमार के लोगों को बचाने के लिए 'ऑपरेशन ब्रह्मा' चलाया और वहां की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक सामग्री भेजी।
सचेत ऐप का शुभारंभ
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा 'सचेत ऐप' की शुरुआत की गई है, जो प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए नागरिकों को सचेत करेगा। इस ऐप के माध्यम से मौसम के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है और आपदा के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।
वृक्षारोपण अभियान - 'एक पेड़ माँ के नाम'
प्रधानमंत्री ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान की सफलता की सराहना की। इस अभियान के तहत देशभर में 140 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाए गए हैं। उन्होंने लोगों से पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने और वृक्षारोपण में भाग लेने का आह्वान किया।
चंपारण सत्याग्रह और स्वतंत्रता संग्राम
प्रधानमंत्री ने 1917 में चंपारण सत्याग्रह की याद दिलाई और महात्मा गांधी द्वारा किए गए इस ऐतिहासिक आंदोलन को याद किया। उन्होंने कहा कि चंपारण सत्याग्रह ने स्वतंत्रता संग्राम में नई ऊर्जा का संचार किया था। साथ ही, 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की 10 मई को आने वाली वर्षगांठ की भी चर्चा की।
कृषि में नवाचार
प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में सेब की खेती करने वाले श्री शैल तेली के प्रयासों की सराहना की, जिन्होंने मैदानों में सेब की खेती को सफल बनाया। उन्होंने ऐसे अन्य किसानों की कहानियां साझा की जिन्होंने विभिन्न राज्यों में नवाचार और कृषि के नए तरीके अपनाए हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में भारत की विविधताओं, वैज्ञानिक और सामाजिक उपलब्धियों पर गर्व जताया और कहा कि आने वाला समय देश के लिए और भी उज्जवल होगा।