Robin Uthappa: पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को कर्नाटक हाईकोर्ट ने दी राहत, गिरफ़्तारी वारंट पर लगी रोक
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रॉबिन उथप्पा 2018 से 2020 तक 'सेंटारस लाइफस्टाइल ब्रांड प्राइवेट लिमिटेड' नामक कंपनी में निदेशक थे। आरोप है कि इस अवधि में कंपनी ने कर्मचारियों के वेतन से पीएफ अंशदान काटा, लेकिन लगभग 23.16 लाख रुपये की यह राशि संबंधित पीएफ खातों में जमा नहीं की गई।
उथप्पा के वरिष्ठ वकील प्रभुलिंग नवदगी ने अदालत में तर्क दिया कि उथप्पा ने 2020 में निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था और अपने कार्यकाल के दौरान भी कंपनी के दैनिक प्रबंधन में सक्रिय नहीं थे।
न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की अध्यक्षता वाली पीठ ने उथप्पा की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट और संबंधित सभी कार्रवाईयों पर अंतरिम रोक लगा दी है।
Robin Uthappa: भारत के पूर्व क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा को कर्नाटक हाईकोर्ट से राहत मिली है। मंगलवार को हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट पर अंतरिम रोक लगा दी। यह वारंट भविष्य निधि (पीएफ) धोखाधड़ी के एक मामले में जारी किया गया था, जिसमें उथप्पा पर कर्मचारियों के पीएफ अंशदान जमा न करने का आरोप है।
क्या है पूरा मामला
रॉबिन उथप्पा 2018 से 2020 तक 'सेंटारस लाइफस्टाइल ब्रांड प्राइवेट लिमिटेड' नामक कंपनी में निदेशक थे। आरोप है कि इस अवधि में कंपनी ने कर्मचारियों के वेतन से पीएफ अंशदान काटा, लेकिन लगभग 23.16 लाख रुपये की यह राशि संबंधित पीएफ खातों में जमा नहीं की गई। इस कथित अनियमितता के चलते क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त एवं वसूली अधिकारी ने उथप्पा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
उथप्पा का पक्ष
उथप्पा के वरिष्ठ वकील प्रभुलिंग नवदगी ने अदालत में तर्क दिया कि उथप्पा ने 2020 में निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था और अपने कार्यकाल के दौरान भी कंपनी के दैनिक प्रबंधन में सक्रिय नहीं थे। उनका कहना था कि उथप्पा को कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम के तहत 'नियोक्ता' नहीं माना जा सकता, क्योंकि वे कंपनी के संचालन में प्रत्यक्ष रूप से शामिल नहीं थे।
अदालत का निर्णय
न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की अध्यक्षता वाली पीठ ने उथप्पा की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट और संबंधित सभी कार्रवाईयों पर अंतरिम रोक लगा दी है। यह निर्णय उथप्पा की उस याचिका के संदर्भ में आया है, जिसमें उन्होंने वसूली नोटिस और गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने की मांग की थी।
अदालत ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे उथप्पा के खिलाफ किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से पहले उनके तर्कों पर विचार करें। इस बीच, उथप्पा को निर्देश दिया गया है कि वे जांच में सहयोग करें और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करें, ताकि मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके।
रॉबिन उथप्पा, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 46 वनडे और 13 टी20 मैच खेले हैं, वर्तमान में एक कानूनी विवाद का सामना कर रहे हैं। हालांकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है, लेकिन मामले की पूर्ण सुनवाई और अंतिम निर्णय अभी बाकी है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे की कानूनी प्रक्रियाएं किस दिशा में जाती हैं और उथप्पा इस मामले में अपनी बेगुनाही कैसे साबित करते हैं।